Monday, 21 May 2012

एक गुजारिश

यह एक छोटा सा प्रयास है हिंदी साहित्य की पुस्तके उपलब्ध करवाने का . अगर आपको कोई पुस्तक अच्छी लगती है तो मेरा बस यही अनुरोध है की अगर आप उस पुस्तक को खरीदने का सामर्थ्य रखते है तो उसे ख़रीदे ताकि लेखक को आर्थिक रूप से संबल मिले .
धन्यवाद् .

2 comments:

  1. समस्या खरीदने की नहीं है अनिल जी, समस्या खरीदने के बाद उनको अवेरने की है, और अगर आप अपने घर में अपने देश में नहीं रहते तो समस्या और भी बड़ जाती है, इसलिये ऑनलाईन पाठकों को इसकी जरूरत है, अगर लेखक अपना अकाऊँट नंबर दे दें तो हम सीधे उनके अकाऊँट में पैसे जमा करवा सकते हैं ।

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  2. क्षमा करें विवेक जी
    मैं भी भारत में नहीं रहता पर मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूँ भारत के बाहर से न केवल पुस्तकें खरीदना वरन उन्हें सहेजने के लिए बुलसेल्फ़ खरीदना भी अत्यन्त सहज है । मैं जब भी भारत जाता हूँ विदेश से प्रस्थान करने से पहले ही तमाम प्रकाशकों को अपनी पसन्द की पुस्तकें अपने भारत के पते पर आर्डर कर देता हूँ। वहाँ पहुँच कर 20 किलो के पैकेट बना कर पोस्ट आफ़िस से पार्सल कर देता हूँ। भारतीय डाक 20 किलो के रु 7000-मात्र लेती हैऔर रु 100- मात्र मे आपके पैकेट पर कपड़ा सिल कर सुरक्षित भी कर देती है । दुनिया का शायद ही कोई कोरियर भारतीय डाक विभाग से सस्ता होगा ।

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